8 हिंदी दूर्वा

फर्शपर

निर्मलागर्ग

चिड़िया आती है
डाल जाती तिनके फर्श पर
हवा आती है
बिखेर जाती धूल फर्श पर
सूरज आता है
सजा जाता चिंदियाँ फर्श पर
मुन्ना आता है
उलट देता कटोरी फर्श पर



घरकीफर्शहमारीरोजमर्राकीजिंदगीकाएकअटूटहिस्साहोतीहै।चिड़िया आकर फर्श पर तिनके डाल जाती है।इसतरहसेचिड़ियाभीहमारेघरकेफर्शपरअपनाअधिकारजतातीहै।हवाभीजबबाहरसेआतीहैतोअपनेआनेकीसूचनाफर्शपरधूलबिखेरकरदेतीहै।सूरजअपनीकिरणोंसेरंगीनकागजसीचिंदियाँफर्शपरसजादेताहै।बच्चों के लिए घर का फर्श खेल का मैदान होता है।वेसिर्फकटोरियाँहीनहींउलटतेबल्किअपनेसारेखिलौनेफर्शपरबिखेरदेतेहैं।

मम्मी आती है
बीनती दाल-चावल फर्श पर
पापा आते हैं
उतार देते जूते फर्श पर

घरकीमालकिनकेलियेफर्शहीउसकीकर्मभूमिहोतीहै।वह फर्श पर दाल-चाव बीनती है, सब्जियाँ काटती है।वहींबैठकरपूरेमुहल्लेकेबारेमेंगप्पलड़ाईजातीहै।घर का मुखिया फर्श को अपनी आरामगाह बना लेता है।जूते उतारने का मतलब है पूरे दिन की थकान उतारना।जूतेउतारनेसेयेभीजाहिरहोताहैकिआपनेअपनेदिनकाकामसमाप्तकरदिया।

महरी आती है
समेट लेती है सब कुछ
अपने बिवाई पड़े हाथों में
और इस तरह लिखती है हर रोज
एक कविता फर्श पर

महरीकीभूमिकाएककामवालीसेकुछज्यादाहोताहै।वह हमारे सुख-दुख की साक्षी होती है।हालांकिकामकरनेसेउसकेहाथोंमेंछालेपड़गयेहोतेहैं,फिरभीउनहाथोंसेवोफर्शपरफैलीहुईसारीगंदगीसमेटलेतीहै।इसतरहसेहररोजवहफर्शपरएकनईकवितालिखजातीहै।फर्श फिर से निर्मल हो जाती है।




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