10 नागरिक शास्त्र

लोकतंत्र के परिणाम

उत्तरदायी, जिम्मेवार और वैध शासन

लोकतांत्रिकसरकारजनताकेलिएउत्तरदायीहोतीहैऔरनागरिकोंकीउम्मीदोंऔरमांगोंपरध्यानदेतीहै।

कईलोगोंकोऐसालगताहैकिलोकतांत्रिकसरकारकीतुलनामेंअलोकतांत्रिकसरकारअधिककुशलहोतीहै।लोकतांत्रिकसरकारमेंआमसहमतिकेबिनाकोईफैसलानहींलियाजाताहै।इसलिए अहम फैसले लेने में देर लगती है।लेकिनअलोकतांत्रिकसरकारमेंफैसलेतेजीसेलियेजातेहैंक्योंआमसहमतिबनानेकीकोईजरूरतनहींहोती।लेकिनऐसेफैसलेअक्सरजनताकोमंजूरनहींहोतेहैं।हमेंयहसोचनेकीभीजरूरतहैकिक्याइसतरहकेफैसलेवास्तवमेंलोगोंकीसमस्यादूरकरतेहैं।



लोकतांत्रिक सरकार अधिक पारदर्शी होती है।इसलिएलोकतांत्रिकसरकारजनताकेलिएउत्तरदायीहोतीहैऔरजनताकाध्यानरखपातीहै।

लोकतांत्रिकसरकारवैधहोतीहैक्योंकिइसेजनताद्वाराचुनाजाताहै।यहीकारणहैकिआजदुनियाकेअधिकांशदेशोंमेंलोकतांत्रिकसरकारेंहैं।

आर्थिक संवृद्धि और विकास:

2000年1950年सेतककेपचासवर्षोंकेआँकड़ोंसेपताचलताहैकितानाशाहीशासनव्यवस्थामेंआर्थिकसमृद्धिबेहतरहुईहै।लेकिनदुनियाकीआर्थिकशक्तियोंमेंअधिकतरदेशोंमेंलोकतांत्रिकसरकारहै।इसलिएहमकहसकतेहैंकिसरकारकाप्रारूपकिसीदेशकीआर्थिकसमृद्धिकोनिर्धारितकरनेवालाएकलौताकारकनहींहै।इसमेंकईअन्यकारकभीशामिलहोतेहैं,जैसे:जनसंख्या,वैश्विकस्थिति,अन्यदेशोंसेसहयोग,आर्थिकप्राथमिकताएँ,आदि।यदिआर्थिकसंवृद्धिकेसाथअन्यसकारात्मकपहलुओंकोदेखाजाएतोहमकहसकतेहैंकिलोकतंत्रहमेशाहीतानाशाहीसेबेहतरहोताहै।

असमानता और गरीबी में कमी

आज पूरी दुनिया में आर्थिक असमानता बढ़ रही है।भारतकीआबादीकाएकबड़ाहिस्सागरीबीरेखाकेनीचेहै।गरीबोंऔरअमीरोंकीआयकेबीचकीखाईबढ़तीहीजारहीहै।अधिकतरदेशोंमेंआर्थिकअसमानतादूरकरनेमेंलोकतंत्रअसफलरहाहै।



सामाजिक विविधताओं में सामंजस्य

दुनियाकेलगभगहरदेशमेंसामाजिकविविधतादेखनेकोमिलतीहै।ऐसेमेंविभिन्नवर्गोंकेबीचटकरावहोनास्वाभाविकहै।लोकतंत्रसेऐसेतरीकोंकाविकासहोताहैजिनसेसमाजकेविभिन्नवर्गोंकेबीचटकरावकोकमकियाजासकताहै।लोकतंत्रसेहमेंविविधताओंकासम्मानकरनेऔरमतभेदोंकेसमाधाननिकालनेकीसीखमिलतीहै।

नागरिकों की गरिमा और आजादी

लोकतंत्र से नागरिकों को गरिमा और आजादी मिलती है।भारतकेसमाजकेकईवर्गोंकोवर्षोंतकउत्पीड़नकाशिकारहोनापड़ाहै।लेकिनलोकतंत्रकेकारणइनवर्गोंकेलोगआजसामाजिकव्यवस्थामेंऊपरउठपायेहैंऔरउन्हेंउनकाहकमिलाहै।



महिलाओं की समानता

दुनियाकेअधिकतरलोकतांत्रिकदेशोंमेंआजमहिलाओंकोसमानअधिकारमिलेहुएहैं।लेकिनतानाशाहीदेशोंमेंआजमहिलाओंकोसमानअधिकारप्राप्तनहींहै।लोकतंत्रकेकारणहीमहिलाएँअपनेअधिकारोंकेलिएसंघर्षकरपाईं।

जातिगतअसमानता

भारत में जातिगत असमानता की जड़ें बहुत गहरी हैं।लेकिन लोकतंत्र ने काफी हद तक इसे कमजोर किया है।आजआपकोहरपेशेमेंपिछड़ीजातिऔरअनुसूचितजातिकेलोगमिलजायेंगे।



Baidu
map