10इतिहास

प्रिंट कल्चर और आधुनिक दुनिया

मुद्रण की शुरुआत

मुद्रणकाविकाससबसेपहलेचीन,जापानऔरकोरियामेंहुआ।594年चीनमेंइसवीकेबादसेहीलकड़ीकेब्लॉकयातख्तीपरस्याहीलगाकरउससेकागजपरप्रिंटिंगकीजातीथी।उसजमानेमेंकागजपतलेऔरछेददारहोतेथे,जिनपरदोनोंतरफछपाईकरनासंभवनहींथा।इसलिए कागज कोएकॉर्डियनकी तरह मोड़कर सिल दिया जाता था।



एकलंबेसमयतकचीनकाराजतंत्रहीछपेहुएसामानकासबसेबड़ाउत्पादकथा।चीनमेंसिविलसर्विसपरीक्षाद्वारालोगोंकीबहालीहोतीथी।इसपरीक्षामेंशामिलहोनेवालेउम्मीदवारोंकेलिएभारीमात्रामेंपठनसामग्रीछापीजातीथी।

सत्रहवीं सदी तक चीन में शहरी संस्कृति बढ़ने लगी।इसलियेकईकामोंकेलिएछपाईकाइस्तेमालहोनेलगा।मुद्रितसामग्रीअबकेवलबुद्धिजीवियोंयाअधिकारियोंतकहीसीमितनहींथी।बल्किअबमुद्रितसामग्रीकाइस्तेमालव्यापारीभीकरनेलगे।इससेव्यापारसेसंबंधितहिसाबकिताबरखनाआसानहोगया।



पढ़नेकेशौकीनलोगोंकेलियेकहानी,कविताएँ,जीवनी,आत्मकथानाटक,आदिभीछपनेलगे।खाली समय में पढ़ना फैशन हो गया था।अमीरवर्गकीमहिलाओंमेंपढ़नेकाशौकबढ़नेलगाऔरकईमहिलाओंनेकविताएँऔरकहानियाँभीलिखीं।

जापान में प्रिंट

मुद्रणकीतकनीककोबौद्धधर्मकेप्रचारकोंद्वारा768से770इसवीकेआसपासजापानलायागया।जापान की सबसे पुरानी किताब है बौद्ध धर्म की किताबडायमंडसूत्र;जिसे 868 इसवी में छापा गया था।पुस्तकालयोंऔरदुकानोंमेंहाथसेमुद्रितकिताबेंपाईजातीथीं।उसजमानेमेंकईविषयोंपरकिताबेंउपब्धथीं,जैसेमहिलाएँ,वाद्ययंत्र,गणना,चायसमारोह,फूलसज्जा,शिष्टाचार,पाककला,प्रसिद्धस्थल,आदि।



यूरोप में प्रिंट का आना

इटली के महान खोजीमार्कोपोलोका नाम शायद आपने सुना ही होगा।जब 1295 में चीन से मार्को पोलो लौटा तो अपने साथवुडब्लॉकवाली छपाई की जानकारी लेकर आया।इसी के साथ इटली में मुद्रण की शुरुआत हुई।उसकेबादमुद्रणकाइस्तेमालयूरोपकेअन्यभागोंमेंभीफैलगया।उसजमानेमेंकागजपरछपीहुईकिताबोंकोसस्तीचीजसमझाजाताथाऔरहेयदृष्टिसेदेखाजाताथा।इसलिएकुलीनऔररईसलोगोंकेलिएवेलमपरकिताबेंछापीजातीथीं।वेलमचमड़ेसेबनताहैऔरपतलीशीटकीतरहहोताहै।वेलम पर छपी किताब को रईसी की निशानी माना जाता था।

पंद्रहसदीकेशुरुआततकयूरोपमेंतरहतरहकेसामानोंपरछपाईकरनेकेलिएवुडब्लॉकमुद्रणकाजमकरइस्तेमालहोनेलगा।इसकेपरिणामस्वरूपहाथसेलिखीहुईकिताबेंलगभगगायबहीहोगईं।

गुटेनबर्ग का प्रिंटिंग प्रेस

योहानग़ुटेनबर्ग1430年नेकेदशकमेंप्रिंटिंगप्रेसइजादकरकेइसक्षेत्रमेंक्रांतिलादी।गुटेनबर्ग किसी व्यापारी के बेटे थे।बचपनसेहीउन्होंनेजैतूनऔरतेलपेरनेकीमशीन(प्रेस)देखीथी।उसने पत्थरों पर पॉलिस करने की कला भी सीखी थी।फिरगुटेनबर्गनेजेवरबनानाऔरशीशेसेतरहतरहकीआकृतिबनानाभीसीखाथा।

हमकहसकतेहैंकिगुटेनबर्गकेपासहरवहजरूरीज्ञानऔरअनुभवथाजिसकाइस्तेमालकरकेमुद्रणतकनीककोऔरबेहतरबनायाजासकताथा।उसनेजैतूनपेरनेकीमशीनकीतर्जपरअपनेप्रिंटिंगप्रेसकामॉडलबनाया।अपनेसाँचोंकाइस्तेमालकरकेगुटेनबर्गनेछापनेकेलिएअक्षरबनाये।1448年इसवीतकगुटेनबर्गकाप्रिंटिंगप्रेसकाफीकारगरबनचुकाथा।उसने अपने प्रेस में सबसे पहले बाइबिल को छापा।

शुरुशुरुमेंछपनेवालीकिताबेंडिजाइनकेमामलेमेंपांडुलिपीजैसीहीलगतीथीं।धातु के अक्षर हाथ की लिखाई से मिलते जुलते थे।1450年उसकेबादसे1550केबीचकेसौवर्षोंमेंयूरोपकेज्यादातरहिस्सोंमेंप्रेसलगायेगये।इसकाअसरयहहुआकिपंद्रहवींसदीकेउत्तरार्ध्रमेंयूरोपकेबाजारोंमेंलगभग2करोड़किताबेंछापीगईं।सत्रहवीं सदी में यह संख्या बढ़कर 20 करोड़ हो गई।




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