10इतिहास

आंदोलन और लोगों का मत

किसान

किसानोंपरलगानोंकाअत्यधिकबोझथाइसलिएउनकेलिएस्वराजकीलड़ाईकामतलबथाअधिकलगानकेविरुद्धलड़ाई।1931年मेंलगानदरोंमेंसुधारकेबगैरहीआंदोलनहोनेसेकिसानअत्यधिकनिराशथे।1932年इसलिएजबमेंदोबाराआंदोलनशुरुहुआतोज्यादातरकिसानोंनेइसमेंभागलेनेसेमनाकरदिया।छोटेकिसानचाहतेथेकिबकायालगानपूरीतरहसेमाफहोजाए।इसलिएवेअबसमाजवादियोंऔरकम्यूनिस्टोंद्वाराचलाएजारहेउग्रआंदोलनोंमेंहिस्सालेनेलगे।लोगोंकोऐसालगताथाकिकांग्रेसधनीजमींदारोंकोनाराजनहींकरनाचाहतीथी।इसलिएकांग्रेसऔरगरीबकिसानोंकेबीचकेरिश्तेअच्छेनहींबनरहेथे।

व्यवसायी

दूसरेविश्वयुद्धकेदौरानभारतीयव्यापारियोंऔरउद्योगपतियोंकाव्यवसायकाफीबढ़गयाथा।वेअंग्रेजीसरकारकीउननीतियोंकेखिलाफथेजोव्यवसायमेंबाधाडालरहेथे।वेआयातसेसुरक्षाचाहतेथेऔररुपएऔरपाउंडकाऐसाविनिमयदरचाहतेथेजिससेआयातकोरोकाजासके।भारतीय औद्योगिक एवं व्यावसायिक संगठन(印度工商大会)की स्थापना 1920 में हुई औरभारतीय उद्योग एवं वाणिज्य परिसंघ(印度工商会联合会या FICCI) का गठन 1927 में हुआ।व्यवसायहितोंकोएकसाझामंचपरलानेकेउद्देश्यसेइनसंगठनोंकोबनायागयाथा।व्यापारीऐसामाहौलचाहतेथेजिससेव्यवसायफलेफूले।अशांतमाहौलसेव्यापारमेंखललपड़ताहै,इसलिएव्यवसायीआतंकीघटनाओंऔरकांग्रेसकेयुवासदस्योंमेंसमाजवादकेबढ़तेप्रभावसेवेचिंतितथे।

औद्योगिकमजदूर

औद्योगिकमजदूरोंकारवैयाकांग्रेसकेसविनयअवज्ञाआंदोलनकेप्रतिठंडाहीरहा।जैसेजैसेउद्योगपतिकांग्रेसकेनजदीकआरहेथे,मजदूरवर्गकांग्रेससेदूरहोताजारहाथा।लेकिनकुछमजदूरकांग्रेसकेआंदोलनमेंशामिलहुए।लेकिनमोटेतौरपरऔद्योगिकमजदूरोंकाएकबड़ातबकाकांग्रेसकेआंदोलनसेदूरहीरहा।

महिलाओं की भागीदारी

सविनयअवज्ञाआंदोलनमेंमहिलाओंनेभीबढ़चढ़करहिस्सालिया।लेकिनउनमेंसेअधिकांशमहिलाएँशहरोंमेंरहरहीऊँचीजातिसेथींऔरग्रामीणइलाकोंकेधनीघरोंसेथीं।लेकिनगांधीजीकोलगताथाकिमहिलाओंकेलिएपरिवारचलानेकीजिम्मेदारीअधिकमहत्वपूर्णहै।इसलिएकाफीलंबेसमयतककांग्रेसअपनेसंगठनमेंमहिलाओंकोजिम्मेदारीकेपददेनेसेकतरातीरही।कांग्रेसमहिलाओंकीप्रतीकात्मकभागीदारीसेहीसंतुष्टरहनाचाहतीथी।

सविनय अवज्ञा की सीमाएँ

दलितों की भागीदारी

शुरुआतमेंकांग्रेसरुढ़िवादीसवर्णहिंदुओंसनातनपंथियोंकोनाराजनहींकरनाचाहतीथी,इसलिएदलितोंपरध्याननहींदेतीथी।लेकिनमहात्मागाँधीकोलगताथाकिदलितोंकीस्थितिसुधारनेकेलिएसामाजिकसुधारआवश्यकथे।महात्मागांधीनेघोषणाकीकिछुआछूतकोसमाप्तकिएबगैरसौसालतकभीस्वराजकीप्राप्तिनहींहोसकती।

कईदलितनेतादलितसमुदायकीसमस्याओंकाराजनैतिकसमाधानचाहतेथे।उननेताओंनेशैक्षिकसंस्थानोंमेंदलितोंकेलिएआरक्षणऔरदलितोंकेलिएपृथकचुनावीप्रक्रियाकीमांगरखी।सविनयअवज्ञाआंदोलनमेंदलितोंकीभागीदारीसीमितहीरही।

डा。बी आर अंबेदकर ने 1930 मेंदमित वर्ग एसोशियेशन(抑郁阶层协会)का गठन किया।दूसरेगोलमेजसम्मेलनकेदौरान,दलितोंकेलिएपृथकचुनावप्रक्रियाकेमुद्देपरअंबेदकरकागांधीजीसेटकरावभीहुआथा।

जबअंग्रेजीहुकूमतनेअंबेदकरकीमांगमानलीतोगाँधीजीनेआमरणअनशनशुरुकरदिया।आखिरकारअंबेदकरनेगांधीजीकीबातमानी,औरसितंबर1932मेंपूनापैक्टपर हस्ताक्षर किया।इससेदमितवर्गोंकेलिएराज्यऔरकेन्द्रकीविधायिकाओंमेंआरक्षितसीटेंमिलगईं,लेकिनमतदानआमजनताद्वाराकियाजानाथा।

मुसलमानों की भागीदारी

जबअसहयोग——खिलाफतआंदोलनकेकमजोरहोगयातोमुसलमानोंकाएकबड़ातबकाकांग्रेससेदूरहोगया।1920年केदशककेमध्यसेहीकांग्रेसकोहिंदूराष्ट्रवादीसमूहोंकेकरीबदेखाजानेलगा।

कांग्रेसऔरमुस्लिमलीगकेबीचएकगठजोड़बनानेकीकोशिशहुई।मुहम्मदअलीजिन्नामुस्लिमलीगकेएकमहत्वपूर्णनेताथे।वहपृथकचुनावप्रक्रियाकीमांगकोछोड़नेकोतैयारथे,औरबदलेमेंमुसलमानोंकेलिएकेंद्रीयविधायिकामेंआरक्षितसीटचाहतेथे।वहमुस्लिमबहुलइलाकों(पंजाबऔरबंगाल)मेंजनसंख्याकेअनुपातमेंप्रतिनिधित्वचाहतेथे।1928年मेंएकसर्वदलीयसम्मेलनहुआजिसमेंहिंदूमहासभाकेएमआरजयकरनेइससमझौतेकाघोरविरोधकिया।इससेकांग्रेसऔरमुसलमानोंकेबीचकीदूरीऔरबढ़गई।

राष्ट्रवाद की भावना

जबकोईबातलोगोंकोएकताकेसूत्रमेंबांधकररखतीहैओरलोगयहमाननेलगतेहैंकिवेएकहीराष्ट्रकेअंगहैंतोउनमेंराष्ट्रवादकीभावनापनपतीहै।भारतमेंआजादीकेलिएचलनेवालेलंबेसंघर्षनेलोगोंकोएकताकेसूत्रमेंबांधनेकाकामकिया।इसकेसाथकईसांस्कृतिकप्रक्रियाओंनेराष्ट्रवादकीभावनाकीजड़ेंजमानेमेंमददकी।

तस्वीरों में राष्ट्र

आपनेफ्रांसऔरजर्मनीकेउदाहरणमेंपढ़ाकिराष्ट्रकीपहचानकोसामान्यतयाकिसीचित्रद्वारामूर्तरूपदियाजाताहै;ताकि लोग राष्ट्र की मूर्त रूप में पहचान कर सकें।यहकामसबसेपहले1870मेंबंकिमचंद्रचटर्जीनेमातृभूमिकीस्तुतिमें”वंदेमातरम”गीतलिखकरकिया।अवनींद्रनाथटैगोरने1905मेंभारतमाताकीएकतस्वीरबनाईजिसमेंभारतमाताकोएकविशेषरूपदेनेकीकोशिशकीगई।अलग——अलगकलाकारोंनेअलग——अलगतरीकेसेभारतराष्ट्रकोप्रस्तुतकरनेकीकोशिशकी।

लोककथाएँ

कईविचारकोंकामाननाथाकिलोककथाओंसेपारंपिकसंस्कृतिकीसहीपहचानहोतीहै।इसलिएकईनेताओंनेराष्ट्रवादकीभावनाकाप्रसारकरनेकेलिएलोककथाओंकासहारालिया।

राष्ट्रीयध्वज

आजजोराष्ट्रध्वजहमदेखतेहैंउसकाविकासकईचरणोंमेंहुआहै।स्वदेशीआंदोलनकेदौरानएकतिरंगे(लाल,हराऔरपीला)काप्रयोगहुआथा।इसझंडेमेंउससमयकेआठराज्योंकेप्रतीककेरूपमेंकमलकेआठफूलबनेहुएथे।इसपरहिंदूऔरमुसलमानकेप्रतीककेरूपदूजकाचाँदभीथा।1921年गाँधीजीनेतकस्वराजध्वजकाडिजाइनतैयारकियाथा।यहभीएकतिरंगाहीथा(लाल,हराऔरसफेद)जिसकेबीचमेंएकचरखाथा।

इतिहास की पुनर्व्याख्या

कईलोगोंकोलगताथाकिअंग्रेजोंनेभारतकेइतिहासकोतोड़मरोड़करपेशकियाथा।उन्हेंभारतकेइतिहासकोभारतीयदृष्टिकोणसेजाननेकीजरूरतमहसूसहुई।वेचाहतेथेकिभारतकेसुनहरेअतीतकोउजागरकियाजायेताकिभारतकेलोगउसपरगर्वकरसकें।


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