जंगल बुक पार्ट

बंदरों की बात

हिंदीअनुवाद

अजयआनंद

मोगलीतोबघीराकाध्यानअपनीओरखींचनेकेलिएबघीराकेबालखींचरहाथाऔरउसपरउछलकूदरहाथा।जबबघीराऔरबलूनेउसकीओरध्यानदियातोमोगलीजोरसेचिल्लाकरबोलरहाथा,एकदिनमेराभीअपनाझुण्डहोगाऔरमैंउसेपूरेदिनइनडालियोंकीसैरकराउँगा।


丛林场景

बघीरा ने जवाब दिया,अरेदिनमेंसपनेदेखनेवाले,इसतरहकेबड़े——बड़ेसपनेदेखनाबंदकरदो।

नहीं,तबतोमैंऔरमेराझुण्डपूरेदिनटहनियाँऔरसूखेपत्तेबलूकेऊपरफेंकाकरेंगे।सबने मुझसे वादा किया हैमोगली ने हँसते हुए कहा।

तभीबलूनेएकहीझटकेमेंमोगलीकोबघीराकीपीठसेउतारलिया।बलूकेबड़े——बड़ेपंजोंमेंसेमोगलीकोयेसाफ——साफदिखरहाथाकिबलूबहुतगुस्सेमेंथा।

बलू ने कहा,लगता है तुम बंदर लोगों से बातें कर रहे थे।

मोगलीनेबघीराकीओरयहदेखनेकीकोशिशकीकिकहींवहभीतोगुस्सानहींहै।बघीरा की आँखें पाषाण के समान स्थिर लग रहीं थीं।

बघीरा ने कहा,तो तुम बंदरों के साथ थे।तुम्हेंपताहैकिबंदरकिसीभीकानूनकोनहींमानते吗?वे कुछ भी खा लेते हैं।कितने शर्म की बात है।

मोगली ने थोड़ा सुबकते हुए कहा,जबबलूनेमेरेसिरपरमाराथातोबहुतदर्दहुआथा।उसकेबादमेरेपासबंदरलोगआएऔरमुझसेसहानुभूतिदिखाई।और किसी को भी मेरी परवाह नहीं है।

बलू नथुने फुलाते हुए बोला,अरेबंदरोंकीसहानुभूतिऐसेहीहैजैसेकिपहाड़ीनदीमेंशांतियाफिरगर्मीमेंसूरजमेंठंडकखोजना।उन्हेंठिठोलीकरनेकेलिएतुमसेआसानशिकारऔरनहींमिलता।

पताहै,उन्होंनेमुझेफलऔरबेरियाँभीखानेकोदी।फिर वे मुझे टांग कर पेड़ की चोटी तक ले गए।उन्होंनेयेभीकहाकिमेराऔरउनकातोखूनकारिश्ताहै;केवल मेरे पास दुम नहीं है।उन्होंनेकहाकिएकदिनमैंउनकेदलकासरदारबनूँगा।

बघीरा ने कहा,अरे उनका कोई सरदार नहीं होता है।वे झूठ बोल रहे हैं।वे हमेशा झूठ ही बोलते हैं।

नहीं,वेतोबड़ेअच्छेलगेऔरमुझसेफिरसेआनेकोकहा।मुझे तुम कभी भी उनसे मिलने क्यों नहीं ले गए?वेभीतोमेरीतरहपिछलेपैरोंपरखड़ेहोसकतेहैं।उनमेसेकिसीनेभीमुझेअपनेपंजेसेनहींमारा,जैसाकितुमअक्सरकरतेहो।वे सारा दिन खेलते रहते हैं।कितना मजा आता होगा।तुम बुरे भालू हो।मुझे उनके पास जाने दो।मैं और खेलना चाहता हूँ।


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